मा कोरोना : भारत में कम मामलों की असल वजह क्या?

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या कम करके बताई जा रही है या टेस्ट कम किए जा रहे हैं जिसके कारण अब तक सामने आने वाले मामलों की संख्या रविवार तक केवल 110 ही है? भारत में बढ़े कोरोना के मामले, महाराष्ट में सर्वाधिक 39, दुनियाभर में 7 हजार से ज्यादा मौत अगर आपको बुख़ार और जुकाम जैसे कोरोना वायरस के लक्षण हैं और आप सीधे दिल्ली के किसी सरकारी अस्पताल जाकर कोरोना वायरस के लिए टेस्ट कराना चाहते हैं भारत में उठी कम मामलों तो आपको वापस भेज दिया जाएगा। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव की सहायक डॉक्टर ऋतू कहती हैं कि पहले कोरोना वायरस के लिए स्थापित हेल्पलाइन को फोन करना पड़ेगा। ___ डॉक्टर ऋतु कहती हैं, अगर आपको कोरोना वायरस से पीडति होने का शक है तो आप पहले अस्पताल जाने के बजाय हेल्पलाइन को फोन करें। हेल्पलाइन में लोग आपसे कई सवाल करेंगे, जैसे कि क्या आपने हाल में कोई विदेश यात्रा की थी या ऐसे किसी व्यक्ति के साथ समय बिताया था, जो हाल ही में तालाबंदी |विदेश यात्रा से लौटे हैं? या फिर इस बीमारी से पीडति किसी व्यक्ति से मिले थे? अगर जवाब है हां तो आपको अस्पताल भेजकर टेस्ट कराया जाएगा और अगर जवाब है नहीं तो आपको टेस्ट के लिए नहीं भेजा जाएगा। स्पेन में 24 घंटे में आए करीब 1000 नए मामले, बहरीन में पहली मौत वे आगे कहती हैं कि इस सिलसिले में दिल्ली सरकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा फंडेड संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइंस के अनुसार काम कर रही है। आईसीएमआर की गाइडलाइन में कहा गया है, बीमारी मुख्य रूप से प्रभावित देशों की यात्रा करने वाले व्यक्तियों या पॉजिटिव मामलों के करीबी संपर्क में होती है इसलिए सभी व्यक्तियों का परीक्षण नहीं किया जाना चाहिए।